लेखनी प्रतियोगिता -25-Jul-2023
शीर्षक :तेरे निशान...
ढल रही शाम वही हमको रवानी दे दे,
जो कभी ख़त्म न हो रात वो सुहानी दे दे।
क्या बताएं कि अब खबर नहीं रहती अपनी,
होश मैं आऊंँ. जरा आज तो पानी दे दे।
माँग सारी खुशियाँ आ तिरा दामन भर दूँ,
आज तू साथ निभाने मुझे जुबानी दे दे।
इश्क़ ए जाम न आँखों से पिलाए तो क्या,
तू बसा है मेरी धड़कन में बयानी दे दे।
याद रह जाए तेरे निशान बनकर वो लम्हें,
ज़ीस्त ए सफर के लिए कोई कहानी दे दे।
© उषा शर्मा ✍️
Shashank मणि Yadava 'सनम'
26-Jul-2023 07:59 AM
खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति
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